अब EMI नहीं भरने पर बैंक नहीं कर सकेंगे परेशान, RBI ने जारी की नई गाइडलाइन: RBI New Rule

By Manoj

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RBI New Rule

RBI New Rule: आर्थिक तंगी, बीमारी, नौकरी छूटना या कारोबार में नुकसान जैसे हालातों में अक्सर लोग बैंक से लिए गए लोन की ईएमआई समय पर नहीं चुका पाते। पहले ऐसे मामलों में रिकवरी एजेंट्स का रवैया बेहद कठोर होता था – धमकियां, बार-बार फोन, और मानसिक दबाव आम हो चुका था। लेकिन अब इस सब पर लगाम लगाने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कड़े दिशा-निर्देश लागू कर दिए हैं।

आज के इस लेख में हम जानेंगे कि आरबीआई की नई गाइडलाइन क्या हैं, अगर आप समय पर किस्त नहीं दे पा रही है तो आपको रिकवरी एजेंट परेशान नहीं कर सकता इसके लिए पूरी जानकारी जरूर पढ़ें।

RBI की नई गाइडलाइन/ RBI New Rule

RBI की ताज़ा गाइडलाइन के मुताबिक:

  • बैंक या रिकवरी एजेंट अब मनमाने समय पर कॉल नहीं कर सकते।
  • किसी भी तरह की धमकी, अपशब्द या जबरदस्ती अब पूरी तरह प्रतिबंधित है।
  • ग्राहकों की गरिमा और निजता का पूरा सम्मान जरूरी होगा।

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लोन नहीं चुका पाए? जानिए अब आपके क्या हैं अधिकार

नई गाइडलाइन के अनुसार, यदि आप EMI नहीं चुका पा रहे हैं, तब भी:

  • बैंक आपको अपमानित या धमका नहीं सकता।
  • कोई रिकवरी एजेंट आपके रिश्तेदारों या पड़ोसियों को कॉल नहीं कर सकता।
  • आप सीधे RBI या पुलिस में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

RBI New Rule शिकायत कैसे और कहां करें?

अगर बैंक या एजेंट नियम तोड़ते हैं, तो आप कर सकते हैं ये काम:

  • संबंधित बैंक की शिकायत निवारण शाखा में संपर्क करें।
  • RBI की ऑफिशियल वेबसाइट या CPGRAMS पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
  • गंभीर स्थिति में पुलिस थाने में FIR भी करवाई जा सकती है।

ज़रूरी दस्तावेज़:

  • कॉल रिकॉर्डिंग या मैसेज के स्क्रीनशॉट
  • किसी गवाह का बयान (यदि संभव हो)
  • बैंक के नोटिस या लेटर की कॉपी

क्या रिकवरी एजेंट कभी भी आ सकते हैं?

नहीं। RBI ने स्पष्ट कर दिया है कि:

  • रिकवरी एजेंट सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही संपर्क कर सकते हैं।
  • रविवार या सरकारी छुट्टियों पर वसूली की कार्रवाई नहीं की जा सकती।
  • रात के समय या बिना अनुमति के घर आना पूर्णतः प्रतिबंधित है।

EMI बाउंस होने पर बैंक की प्रक्रिया क्या होती है?

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अगर आपकी 3 किस्तें लगातार बाउंस हो जाती हैं, तो:

  • बैंक पहले एक नोटिस भेजता है और 90 दिन का समय देता है।
  • अगर फिर भी भुगतान नहीं होता, तो दूसरा नोटिस आता है, जिसमें नीलामी की चेतावनी दी जाती है।
  • लेकिन इस बीच भी बैंक जबरदस्ती नहीं कर सकता। बातचीत से समाधान निकालना ज़रूरी है।

एजेंट क्या कर सकते हैं और क्या नहीं?

कर सकते हैं:

  • शालीन तरीके से संपर्क करना
  • समझाइश देना
  • समय देकर समाधान निकालना

नहीं कर सकते:

  • धमकाना या बदसलूकी करना
  • जबरदस्ती घर में घुसना
  • रिश्तेदारों को मानसिक रूप से परेशान करना

क्या बैंक जब चाहे आपकी संपत्ति जब्त कर सकता है?

बिलकुल नहीं। कोई भी संपत्ति जब्ती या नीलामी न्यायिक प्रक्रिया से ही हो सकती है। लोनधारक को पूरी प्रक्रिया की जानकारी दी जाती है और न्यायालय से राहत लेने का भी अधिकार होता है।

अगर नीलामी से वसूली गई राशि लोन से ज़्यादा होती है, तो बची हुई रकम ग्राहक को लौटानी होती है।

निष्कर्ष

RBI की नई गाइडलाइन का उद्देश्य यही है कि आम नागरिक आर्थिक संकट में भी गरिमा और सुरक्षा महसूस करे। यदि आप समय पर ईएमआई नहीं भर पा रहे हैं, तो खुद को असहाय न समझें। बैंक से बातचीत करें, विकल्प खोजें और यदि कोई एजेंट गलत व्यवहार करे – तो बिना देर किए शिकायत करें।

Disclaimer

यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी कानूनी निर्णय से पहले किसी वित्तीय विशेषज्ञ या अधिवक्ता से सलाह अवश्य लें। RBI की गाइडलाइन समय-समय पर अपडेट हो सकती हैं।

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